BIOGRAPHY OF K. PRASAD BABU (ADMITTED TO POLICE, HONOR, GREYHOUND UNIT, & MORE)

हेलो, दोस्तों यह मेरा बिसवां पोस्ट हैं आज मैं आपको उस जवान की कहानी को बताऊँगा जिससे जान के आप सोचेंगे की कुछ ऑफिसर्स ऐसे भी है जिसने माओवादी से लड़ने से लेकर अपने ऑफिसर्स को बचाने में अपने जान की परवाह भी नहीं किया और शहीद गए -
के. प्रसाद बाबू का जीवनी

के. प्रसाद बाबू का जीवनी (Biography of K. Prasad Babu) - 

यह कहानी है भारत के उस पुलिस अफसर का जिसने अपने छोटे से ज़िन्दगी में देश के आंतरिक तत्त्व जो देश के लिए खतरा बन रहे थे उनको खत्म करने के लिए ठान लिया और उनसे लड़ते हुए देश के लिए शहीद हो गए जिनका नाम है के. प्रसाद बाबू। प्रसाद बाबू का जन्म भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के विशाखापट्नम जिले के मार्तुरु गाँव में 1981 में हुआ था। के. प्रसाद बाबू के पिता जी का नाम रमना नायडू  जो की खुद एक पुलिस इंसपेक्टर थे और अब रिटायर्ड हो चुके है। के. प्रसाद बाबू का पूरा नाम करणम लीला वेंकेट श्रीहरि नागा वरप्रसाद था और जिसे हम K.L.V.S.N.V. प्रसाद बाबू के नाम से जानते है। 
 https://pandeytruth1996.blogspot.com/2020/06/meet-corona-virus-caller-tune-given.html इसे भी जानें। 

पुलिस में भर्ती (Admitted to Police) - 

के. प्रसाद बाबू के पिता जी कहते है की के. प्रसाद बाबू का  बचपन से ही उसका रुझान हमेशा देश के प्रति रहता था और वो हमेशा कहता था की एक दिन ये दुनियाँ मुझे हमेशा याद करेगी और इन्ही हौशलों के साथ जब उसका पढाई पूरा हो गया तो उन्होंने 2004 में 23 साल की उम्र में आंध्र प्रदेश पुलिस को ज्वाइन कर लिए और अपना सेवा देश को देने लगे। और उनके अच्छे काम को देखते हुए उनको आंध्र प्रदेश पुलिस के ग्रेहाउंड्स (Greyhounds) जो की एक स्पेशल ऑपरेशन के लिए जैसे की नक्सलवाद और माओवादियों को रोकने और उनके खात्मे के लिए बनाया गया है उसमें उनका ट्रांसफर कर दिया जाता है। अपने देश सेवा के दौरान उन्होंने एक ऐसे ऑपरेशन को अंजाम दिया था जिसमे उन्होंने नक्सलवाद और माओवादियों को ऐसा सबक सिखाया था की आज पूरा देश यह याद करता है लेकिन उस ऑपरेशन में वो अपने साथियों और लोगो को बचाने में अपने आप को देश के लिए शहीद हो गए तो आइये जानते है क्या था वो ऑपरेशन  
 https://pandeytruth1996.blogspot.com/2020/06/biography-and-story-of-major-shaitan.html इसे भी पढ़ें। 

 ग्रेहाउंड्स यूनिट्स का ऑपरेशन (Operation of Greyhounds units) - 

आज के लगभग 7 साल पहले अप्रैल 2013 का वो समय था आंध्र और छत्तीसगढ़ के जंगलों में नक्सलियो और माओवादियों का खतरा बढ़ता ही जा रहा था और ग्रेहाउंड्स यूनिट जो की उस समय आंध्रा में तैनात था और वो अपने डेली रुटीन के तरह पैट्रोलिंग कर रहे थे और उस समय इस यूनिट को के. प्रसाद बाबू लीड कर रहे थे की अचानक से करीब 70 से अधिक माओवादियों का एक ग्रुप इनके यूनिट पर हमला कर देता है और दोनों तरफ से मुठभेड़ चालू हो जाता है और जब माओवादियों ने समझा की अब हम इनका सामना नहीं कर सकते तो वो वहा से पीछे हट जाते है जिसके बाद के. प्रसाद बाबू ने अपने ऑफिसर्स का रेस्क्यू हेलिकॉप्टर्स के मदद से करवाने लगे और कुछ लोग कवर फायरिंग भी कर रहे थे जिनमे से एक के. प्रसाद बाबू भी थे। जब हेलीकाप्टर ने 5 चक्कर लगा के रेस्क्यू पूरा करके वापस 6 वे चक्कर के लिए आया तो अचानक फिर से करीब 120 से अधिक माओवादियों का ग्रुप उनपर हमला कर देता है और उस समय 6 वे चक्कर के लिए 19 पुलिस कर्मी बचे थे जिनमे से 14 लोग हेलीकाप्टर में बैठ चुके थे और सिर्फ 5 ही लोग बचे थे जो कवर फायरिंग दे रहे थे और उन माओवादियों से मुकाबला कर रहे थे और उनमे से एक के. प्रसाद बाबू भी थे और फिर के. प्रसाद बाबू ने उन 4 पुलिसकर्मीयो से कहाँ की आप लोग भी सुरक्षित इलाके में निकल जाये क्यूकी माओवादी की संख्या बढ़ती ही जा रही थी और वो अकेले उन माओवादियों से मुकाबल करने लगते है लेकिन उनकी संख्या लगातार बढ़ रहा था और भारत का यह वीर सपूत उन माओवादियों से लोहा लेते हुए 17 अप्रैल 2013 को मात्र 32 साल की उम्र में शहीद हो गए लेकिन तब तक उन्होंने करीब 15 से ज्यादा माओवादियों को मौत के नींद सुला चुके थे 

सम्मान (Honor) - 

वीर शहीद के. प्रसाद बाबू ने अपने छोटे से ज़िन्दगी के छोटे से पुलिस सर्विस जो की केवल 9 वर्षो का रहा उनमे उन्होंने अपने लगन से देश की सेवा किया। जिससे कारण उनके मरणोपरान्त भी 26 जनवरी 2014 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने उनके पिता रमना नायडू को उनके बेटे वीरता पर अशोक चक्र से सम्मानित किया। 

निष्कर्ष (Conclusion) - 

हमें इस कहानी से एक बहुत अच्छी सिख मिलता है की आप कितने भी मुश्किल में हो लेकिन आप पहले उनको मदद करें जो आप के ऊपर आश्रित होकर देश की सेवा में लगा है और शहीद के. प्रसाद बाबू इसके प्रमुख उदाहरण है जिन्होंने अपने वीरता से अपने अंतिम साँस तक देश की सेवा किया और देश के लिए शहीद हो गए और जो आज पूरा देश के लिए बहुत गर्व की बात हैं। 
और कहते है न दोस्तों -
"We should not think that by staying and not living like this, we are finished because we end, the work we have done and the sacrifice towards the country will never end"

और हाँ सजग रहें और सुरक्षित रहें और प्लीज दोस्तों लाइक करें, कमेंट करें और शेयर करना ना भूलें।    
 
 
 
   

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