BIOGRAPHY OF I.A.S. SIDDHARTH SIHAG IN HINDI (EDUCATION, TRAINING,POSTING & MORE)

हेलो, दोस्तों यह मेरा इक्कीस वा पोस्ट है आज मैं आपको उस कहानी को बताऊँगा जिसने तब तक अपने प्रयासों को जारी रखा जब तक की वो अपने उस लक्ष्य को नहीं पा लिए और उनके इस प्रयास ने सबको ये बता दिया की कर्तब्य और मेहनत कभी बेकार नहीं जाता बस हमें निरन्तर होना पड़ता हैं -
I.A.S. सिद्धार्थ सिहाग का जीवनी
   

I.A.S. सिद्धार्थ सिहाग का जीवनी (Biography of I.A.S. Siddharth Sihag- 

आपने बहुत सारे प्रेणना से भरी कहानी और लोगो के बारे में जाना होगा लेकिन इस अफसर ने अपने मेहनत और लगन से I.A.S. बनने का सफर पूरा कर लिया जिसका नाम है I.A.S. सिद्धार्थ सिहाग। I.A.S. सिद्धार्थ का जन्म भारत के हरियाणा राज्य के हिसार जिलें के अग्रोहा ब्लॉक के सिवान बोलन गाँव में 20 जनवरी 1987 को हुआ था। सिद्धार्थ सिहाग के पिता जी का नाम दिलबाग सिंह सिहाग जो की एक चीफ टाउन प्लानर अफसर के पद पर कार्यरत है और उनके माता का नाम उर्मिला सिहाग है जो की एक गृहणी है। सिद्धार्थ सिहाग के परिवार में केवल उनकी माँ को छोड़कर और बाकि लोग जैसे की उनकी पत्नी रुक्मणि सिहाग जो की एक तेज तर्रार I.A.S. अफसर है और सिहाग के भाई जो की एक जज है और अपने काम से देश की सेवा कर रहे है। 

शिक्षा (Education) - 

I.A.S.  सिहाग शुरू से ही  मेधावी छात्र थे उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके शहर से हुआ। अपना ग्रेजुएशन या नी की लॉ की पढाई पूरा करने के बाद उन्होंने दिल्ली से P.C.S.J. की तैयारी करने लगे और जिसमे वो सफल भी हुए और अपने पहले ही प्रयास में दिल्ली जुडिशल सर्विस की परीक्षा पास करके दिल्ली में मेट्रो पोलियन मजिस्ट्रेट बन गए। 

जज और I.A.S. बनने की इच्छा  (Wish to be become Judge and I.A.S. ) - 

I.A.S. सिद्धार्थ सिहाग जज बनने के बाद वो उसकी ट्रेनिंग भी ज्वाइन कर लिए थे लेकिन उनकी सोच हमेशा जनता के बीच जिसे हम  कहते है की जमीनी स्तर पर काम करने की थी। अपने जज की ट्रेनिंग के साथ - साथ वो अपने I.A.S. की तैयारी को भी जारी रखें थे और ट्रैनिंग के बीच में ही I.A.S. की परीक्षा को भी पास कर लिए लेकिन उनका 148 वी रैंक रहता है जिसके लिए उन्हें I.P.S. कैडर मिलता है जो उन्हें नहीं भाया क्यूकी वो कहते है की लॉ एंड आर्डर को व्यवस्थित करने के लिए हमें जमीनी स्तर के नीव को मजबूत करना पड़ेगा और इसके लिए वो हमेशा I.A.S. को प्रथम वरियता देते है। अपने मनपसंद I.A.S. कैडर न मिलने के कारण वो जज बनकर ही देश सेवा करने लगते है और अपनी आगे की तैयारी भी जारी रखते है। 

I.A.S. बनने में सफल होना (Succeed in becoming I.A.S.) - 

सिद्धार्थ सिहाग ने अपने कदम कभी पीछे नहीं किये अपने पहले प्रयास में पास होने के बाद भी मनपसंद कैडर नहीं मिल पाने के कारण उन्होंने हार नहीं माना और कहते है न मेहनत करने वालो की कभी हार नहीं होती और अपने दूसरे प्रयास में 2012 में 42 वा रैंक पाकर अपने मनपसंद कैडर को पा लियें। 
I.A.S. सिद्धार्थ सिहाग ने जितने भी परीक्षा और एग्जाम को पास किये उसमे वो किसी कोचिंग और शिक्षण सस्थान का मदद नहीं लिए वो कहते है की मैंने इन तैयारिओं में केवल इंटरनेट से अच्छे ब्लॉग और I.A.S. अधिकारियो के दिए गए जानकारी की मदद से प्राप्त किया। 
ट्रेनिंग और पोस्टिंग

ट्रेनिंग और पोस्टिंग (Training and Posting) - 

अपने मनपसंद कैडर मिलने के बाद I.A.S. सिद्धार्थ सिहाग को अपने ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद जाना पड़ा जहाँ से उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी से अपना ट्रेनिंग पूरा किये। 
I.A.S. सिद्धार्थ सिहाग वर्तमान में राजस्थान में जिला कलेक्टर के रूप  में अपनी सेवा देश को दे रहे हैं। 

निष्कर्ष (Conclusion) - 

कहते है न की अगर कोई कुछ करने को ठान ले तो वो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है और उसके प्रमुख उदाहरण I.A.S. सिद्धार्थ सिहाग है जिन्होंने I.P.S. कैडर मिलने के बाद भी उन्होंने उसे ज्वाइन न करके दोबारा प्रयास करके उस मुकाम को हासिल किये और अब देश की सेवा कर रहे है और इसलिए कहाँ जाता है की हमें तब तक पीछे हटना नहीं चाहिए जब तक हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ले और I.A.S. सिहाग की ये कहानी हर युवाओं के लिए प्रेणना का स्रोत हैं। 
और कहते है न दोस्तों -
"Sometimes it happens that we can not achieve our goal but we should know that it is a game of time which is on our action, so we should constantly try not to run away from it" 
और हाँ दोस्तों स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें और प्लीज लाइक करें, कमेंट करें, और शेयर करना ना भूलें।  
  
   

टिप्पणियाँ

  1. You are great sir, never see that types of officer. Always salute sir.

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  2. सैल्यूट सर
    करौली की एक छोटी सी तहसील ह नादोती में बाड़ा बाजीदपुर वार्ड नंबर 10 में रहती हु जितने भी अधिकारी है सारे भ्रष्ट है ना तो पीने के पानी की सुविधा ना ही रोड पूरी हुई, जो भी गरीब वर्ग के लोग है उनके अभी तक पक्के मकान नही है गांव में पीने का पानी के लिए govt द्वारा आरो प्लांट लगाया था उस पानी को भी दूसरे गांव में जाकर पानी बेचने का काम करते है जवकी गांव के लोग 3 से 4 km se पानी पीने को लेकर आते है गांव में पानी निकलने की सुविधा भी नही गंदा पानी हमेशा भरा रहता काफी बार नादोती एसडीएम को भी ज्ञापन दिया पर कोई नही सुनता गुर्जर इलाका है सारे अधिकारी लिपा पोती करके बात को टाल देते है ।।

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  3. माननीय महोदय जी नादोती में बाड़ा बाजिदपुर में अधिकारी जांच के तौर पर भेजे
    मेरे का गरीब के लोग है बैरवा बस्ती में जाकर उनकी पीड़ा सुने,🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

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  4. चूरू मे आप का स्वागत है sir💐💐💐💐💐

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