PINK VILLAGE (NAVADPURA VILLAGE, DHAR,MADHYA PRADESH,GARDEN AND TEMPLE,ISO CERTIFICATE,RO))
हेलो ,दोस्तों यह मेरा छठवाँ पोस्ट है आज मैं आपको उस प्रधान की कहानी के बारे में बताऊँगा जो अपनी मेहनत और लोगों का साथ मिलने पर अपने गाँव को एक ऐसा गाँव बनाया जो देखने पर किसी शहर से भी खूबसूरत दिखता हैं।
नवादपूरा (Navadpura)-
आपने पिंक सिटी(शहर ) का नाम तो सुना होगा और कई लोग तो गए भी होंगे। पिंक सिटी मतलब जयपुर जो भारत का सबसे खूबसूरत शहर में से एक है लेकिन ये शहर राजाओं का घर है। लेकिन आज इस कहानी मे आप जानेंगे के एक गाँव भी है जो पिंक विलेज या नी की गुलाबी घरों का गाँव के नाम से जाना जाता है। दोस्तों यह गाँव 2015 के पहले तक आम गांवो की तरह था जहाँ न सड़क, नाली, पानी, स्कूल, शिक्षा आदि सब की कमी थी क्युकि किसी गाँव के विकास के पीछे सबसे बड़ा हाथ गाँव के मुखियाँ(प्रधान) का होता हैं दोस्तों आपको पता ही है की आजकल ये सब एक व्यवसाय बन गया हैं। लेकिन इन सब से अलग एक नौजवान मुखियाँ है जिसका नाम कमल पटेल है।
जो भारत के मध्य प्रदेश के धार जिले के कुक्षी तहसील के आदर्श गाँव नवादपुरा के प्रधान हैं। इस नौजवान को शुरु से ही अपने गाँव के विकास के प्रति रूचि होती हैं और वे जब सरपंच चुने जाते है तब से वे अपना प्रयास शुरु करते है उन्होंने सबसे पहले सड़क, नालियाँ, सफाई तथा सबसे महत्वपूर्ण गॉव की महिलाओ की मदद से लोगो को शराब व् नशा मुक्त करना शुरु किये और यह प्रयास उनका सफल रहा और आज उनका गाँव शराब व नशा से मुक्त गाँव बन चूका हैं। और जब उनका गाँव नशा व् शराब से मुक्त हुआ तो लोगों की सोच बदलने लगी और गाँव के विकास में मदद करने लगे। ये सब करना आसान नहीं था क्युकि उनके गाँव की आबादी लगभग 1500 से ज्यादा था और जिसमे आधे से ज्यादा लोग आदिवासी जाती के थे और शिक्षा न के बराबर थी। प्रधान कमल पटेल के द्वारा गांव के विकास में तेजी आयी सड़के,नाले पानी आदि के काम पर मेहनत किये और आज उनके गाँव के अन्दर और बाहर की सारी सड़के पक्की है और उन सड़को के किनारे पेड़ और स्ट्रीट लाइट लगायी गयी हैं जो उनके खूबसूरती को बढाती है क्युकी आपको पता है आज सरकार के द्वारा गाँव के विकास के लिये पैसों की कमी नहीं होने दे रही है हाँ बस करने वाला मुखिया (प्रधान)होना चाहिए न की खाने वाला। कहते है न दोस्तो इस दुनियाँ को बनाने वाला कोई ऐसा वस्तु नहीं बनाया जिससे हासिल न किया जा सके। आदर्श गाँव नवादपुरा के स्कूल, आँगनवाड़ी केन्द्र में AC तक लगा हैं और कक्षा 2 तक के बच्चों के लिये स्मार्ट क्लास की व्यवस्था हैं।
बगीचा व मंदिर (Garden and Temple) -
बच्चों के खेलने के लिये गार्डन (पार्क)बनाये गये हैं जिसमें खेलने के सारे समान उपस्थित है जैसे की - झूलने के झूले, घूमने वाली गाड़ी आदि। और उस पार्क में एक भारत माता का मंदिर भी बनाया गया है जो एक समाज के समानता को दर्शाता हैं।
स्विमिंग पूल (Swimming pool) -
बच्चो के तैराकी के लिये स्विमिंग पुल भी बनाया गया है।
आरओ, कैमरा व बागवानी(RO,Camera and Horticulture) -
गाँव में पानी पिने की व्यवस्था लिए ATM आरओ प्लांट की व्यवस्था है जिसमे सारे गाँव वालो को एक कार्ड दिया गया हैं जिसके द्वारा वो मात्र 2 रूपये में 20 लीटर पानी ले सकते है इस प्रयास से गाँव में बीमारिया लगभग न के बराबर हो गयी है। हर घर में गैस की व्यवस्था है सबके घर शौचालय की व्यवस्था और बच्चों के द्वारा उनको प्रोत्साहित किया गया की वो शौच के लिये शौचालय का ही प्रयोग करे और आज सभी लोग शौचालय का ही प्रयोग करते है। गाँव की सारी नालियों को पक्की करके मिलाया गया और एक भी नालियाँ खुली नहीं है सबको ढकने की व्यवस्था है। सड़को को किनारे बैठने के लिये सीमेण्टेड कुर्सियाँ बनायीं गयी है गाँव के सुरक्षा को देखते हुए हर जगह गली चौराहे पर CCTV कैमरा लगाया गया है गाँव में सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है समय - समय पर दवाओं का छिड़काव कराया जाता है उनके गांव में अगर कोई सड़को या कही भी गंदगी फैलता हुआ देखा जाता है तो जुर्माने का भी प्रावधान है और हर कोई इसमें मदद भी करता हैं। इसलिए हर घर के सामने डस्टबिन की भी व्यवस्था की गयी हैं। गाँव में बेरोजगारी, गरीबी, पानी की कमी के कारण लोग गांवों से पलायन करने लगे थे लेकिन पटेल के नेतृत्व में रोजगार और बरसात के पानी को संग्रहित करने की व्यवस्था की गयी जिससे गांव में पानी की किल्लत दूर हो गयी और रोजगार के लिए उन्होंने भारत सरकार के द्वारा मनरेगा के कामो से तथा खेती एवं बागवानी(HORTICULTURE) जैसे - अनार, अमरुद, संतरा, नींबू, केले अदि के बग़ीचे लगाकर लोगो को प्रोत्साहित किया और आज सभी लोग इस व्यवसाय के द्वारा लोग अच्छी आय प्राप्त कर रहे है। उस गाँव के एक किसान के अनुसार एक एकड़ अनार के बगीचे में 5 से 6 लाख तक का आय हो जाता है और ये सब कमल पटेल के वजह से मुमकिन हुआ जिसने गाँव की तस्वीर ही बदल दी और आज उनके गाँव से बाहर काम करने कोई नहीं जाता और गाँव से लोगों का पलायन करना बंद हो गया। दोस्तों आपको पता है की आज लोग अपने बच्चों के पढ़ने के लिए प्राइवेट स्कूल में भेजते है लेकिन कमल पटेल के गाँव के सारे बच्चे सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने जाते है और अगल - बगल के गांव से भी बच्चे उनके गाँव में पढ़ने आते है बाहरी बच्चों के लिए आने - जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था की गयी है। स्कूल में शिक्षक की कमी होने पर प्राइवेट शिक्षक को रखा जाता है। गाँव के सारे घरो को गुलाबी रंगो में रंगा गया है जो एक समानता और एकता को दर्शाता है गांव के सड़के के किनारे, शौचालयो और स्कूलों पर सुन्दर चित्र बनाये गए है जो एक नयी सोच एवं नए कल बताती है।
ISO प्रमाणपत्र (ISO Certificate) -
गाँव के एक बुज़ुर्ग ने बताया की कमल पटेल के पिता का एक सपना था की मेरा भी गाँव एक ऐसा गाँव हो जिसमे सारी सुविधाये उपलब्ध हो और उन्होंने अपने नम आँखों से कहाँ की मैंने ये कभी नहीं सोचा था की आज ये सपना उनका सच होगा तो वो हमारे बिच नहीं रहेंगे। आज गाँव में एक भी बच्चें कुपोषण के शिकार नहीं है कमल पटेल ने बताया की आज उन्होंने अपने गाँव में 20 हजार से ज्यादा पेड़ों को लगवाया है जो उनकी गांव के खूबसूरती को चार चाँद लगाती है गाँव में 24 घण्टे बिजली की व्यवस्था है आपातकाल के लिए जेनरेटर की भी व्यवस्था है और उनके इस कदम से आस - पास के गाँव के भी प्रधान सीख ले रहे है और अपने गाँव के विकास में लगे हुए है। उनके इस काम के लिए उनको पुरष्कृत भी किया गया है और आज उनका गाँव ISO का दर्जा भी मिल गया है दोस्तों आज तक मैंने ऐसे गाँव और न ही ऐसे प्रधान के बारे सुना था और न ही जाना था लेकिन आदर्श गाँव नवादपुरा एक अलौकिक गाँव है जो पिंक विलेज के नाम से जाना जाता है और उनके गाँव का चुनाव तक निर्विरोध होता है अधिकारिकगण इस गाँव के काम और प्रधान को एक प्रेणना मानते है। दोस्तों आपको पता ही होगा की आज के प्रधान प्रधानी को एक व्यवसाय और आय का एक जरिया बना लिए है जिससे गाँव का विकास नहीं हो पता है उन्हें ये नहीं पता की अगर वो करना चाहे तो अपने गाँव को एक बेहतरीन गाँव बना सकते है जिससे उनका, उनके गाँव का और अपने देश के तरक्की में प्रगति मिलेगी क्युकी इस दुनियाँ में कर्मो को ही पूजा जाता हैं।
और कहते है न दोस्तों -
"Everyone knows how to fly, but only the one who knows the real reason for falling"
और हाँ दोस्तों घर पर रहे और घर पर ही रहे और हाँ प्लीज दोस्तों शेयर करना न भूले।
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