ZINDAGI KA SANGHARSH (AISHA CHAUDHARI BIOGRAPHY,SICKNESS,EDUCATION,PAINTING,MOTIVATIONAL SPEECH,DEATH)
हेलो, दोस्तों ये मेरा पहला पोस्ट है आज मै आपको उस छोटी सी ज़िन्दगी की कहानी बताऊंगा जिसे सुन के आप सोचेंगे की ज़िन्दगी इतनी प्यारी और बेबस क्यों होती है -
1996-2015 |
आयशा चौधरी की जीवनी (Biography of Aisha Chaudhari) -
इस कहानी की शुरुआत आज के 24 साल पहले इंडिया के दिल्ली शहर से हुआ था जिसका नाम आयशा चौधरी था। आयशा का जन्म 27 मार्च 1996 को दिल्ली में हुआ था आयशा के पिता का नाम निरेन चौधरी और माता का नाम अदिति चौधरी था आयशा का एक बड़ा भाई भी था जिसका नाम ईशान चौधरी था।
बिमारी और इलाज(Sickness and Cure) -
आयशा का जब जन्म हुआ तो गंभीर बीमारी के साथ हुआ जिसका नाम "SEVERE COMBIND IMMUNE DEFICENCY" (SCID) जिसका मतलब होता है कि जब बच्चे का जन्म होता है तो बिना immune system जिसके कारण बच्चा ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह सकता है इस बीमारी के बारे में जानने के बाद आयशा के पेरेंट्स बहुत परेशान होते है और डॉक्टर्स ने बताया की आयशा को बचाने के लिए इसका "BONE MARROW TRANSPLANT" करना पड़ेगा और उनको सलाह देते है की वो आयशा को लेकर लंदन जाये उस समय उनके पास उतने पैसे भी नहीं थे लेकिन फिर भी वो लंदन जाते है वहाँ पहुँचने के बाद वो ऑपरेशन के लिए पैसे जुटाने लगते है वो एक रेडियो चैनल के मदद से पैसे जुटाते है। दोस्तों आयशा की एक बड़ी बहन भी थी जिसका नाम "तान्या चौधरी" था लेकिन उसको भी यही बीमारी था और वो भी केवल 7 महीने की जब होती है तभी उसकी मौत हो जाता है आयशा का जब "BONE MARROW TRANSPLANT" होने के दौरान जो मेडिकल थेरेपी होती है उसका साइड इफ़ेक्ट हो जाता है और डॉक्टर्स ने यह बताया था लेकिन उसे बचाने का यही एक तरीका था जो एक सीरियस बीमारी बन जाता है जिसका नाम "PULMONARY FIBROSIS" जिसके कारण साँस लेने में दिक्कत खांसी आना और लंग टिश्यू डैमेज होने लगता है ऑक्सीज़न ही एक मात्र सहारा होता है।
शिक्षा और पेंटिंग (Education and Painting) -
आयशा का प्रारम्भिक शिक्षा "The American Embassy school" न्यू दिल्ली से हुआ लेकिन अपनी बीमारी के कारण उसे अपना स्कूल बीच में छोड़ना पड़ा क्यूकि ज्यादा लोगो में जाने से इन्फेक्शन फैलने का खतरा रहता था इसी कारण नार्मल बच्चों की तरह उसे खेलने को भी नहीं मिलता था। जब लंदन में उसके नार्मल रिपोर्ट्स आने लगते है तो उसके पेरेंट्स उसे वापस इंडिया लेकर आ जाते है। आयशा को किताबे पढ़ना और पेंटिंग करना बहुत पसन्द करती थी।
मोटिवेशनल स्पीच (Motivational Speech) -
आयशा को "PULMONARY FIBROSIS" बीमारी 2010 में शुरू हो जाता है। आयशा ने अपने 14 साल की उम्र से ही "मोटिवेशनल स्पीच" देना शुरू कर देती है उसने "INK"और "TEDX" जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर अपने छोटे से ज़िन्दगी के बारे में बताया और दुसरो को प्रोत्साहित किया की "ज़िन्दगी को जीना सीखो न की ज़िन्दगी से हारना "-
माँ व पिता का पुकार नाम(Mother and Father call Name) -
आयशा अपने पापा को "PENDA" नाम से और अपनी माँ को "MOOSE" नाम से बुलाती थी उसके पेरेंट्स अपनी बेटी की सारी इछाओ को पूरा करने की कोशिश की और किया भी।
पसंदीदा एक्टर(Favourite Actor) -
आयशा अपने पसन्दीदा एक्टर "रणबीर कपूर" को मानती थी।
डॉगी (Doggy) -
आयशा के पास दो डॉगी भी थे जिन्हे आयशा हमेशा अपने पास रखती थी उसने अपने स्पीच में बताया था की डॉगी हमेशा ह्यूमन के दिल से जुड़ने वाले एनिमल्स होते है।
किताब, दर्द और मौत(Book, Pain and Death) -
आयशा को अंतिम समय में हमेशा ऑक्सीज़न की ज़रूरत होती थी। आयशा की माँ ने बताया की 2014 मे जब आयशा अपनी मौत और दर्द के बारे में सोच रही थी तो मैंने उससे कहा की तुम्हारा जो ज़िन्दगी को लेकर नजरिया है उसे लिखो तो उसने मुझसे पूछा क्यूँ ?उसे कौन पढ़ेगा तब मैंने उसे एक बुक दिया "NOTE TO MYSELF" आयशा ने जब वो बुक पढ़ी तो कहा माँ मै इससे भी अच्छा बुक तो मै लिख सकती हूँ । तब उसने अपने ज़िन्दगी के अंतिम महीनो में अपनी छोटी से ज़िन्दगी के बारे में एक बुक लिखा जो 5000 शब्दो का लगभग 70 पेज का होता है जिसका नाम "MY LITTLE EPIPHANIES" होता है। आयशा की माँ ने बताया की आयशा ये सारा काम अपने बेड से करती थी क्युकी उसके lungs बहुत तेजी से कम हो रहे थे और उसे हमेशा ऑक्सीज़न की ज़रूरत होती थी। आयशा अपने बुक के पब्लिश होने के एक दिन पहले 24 जनवरी 2015 को गुरुग्राम में अपनी अंतिम साँस ली।
पिता को संदेश (Message to Father)-
आयशा के पापा कहते है की मेरी बेटी ने मुझे तीन सबक दिए - अपने समाज को वापस देना, कठिनाइयों में हार न मानना, यदि चढ़ना है तो सबसे ऊँचे पहाड़ पे चढ़ो। और उन्होंने बताया की आयशा की माँ लास्ट के 7 दिनों में केवल 15 घण्टे ही सोई थी जिसके कारण वो मानशिक तनाव में चली गयी थी।
फिल्म (Movie) -
दोस्तों आज उसकी छोटी सी ज़िन्दगी पे एक मूवी भी आ गयी है जिसका नाम "THE SKY IS PINK" है।
AISHALIFE IS LIKE A RIVER THERE ARE MANY TURNS SO ENJOY TURNS BECAUSE THIS TURNS NEVER RETURNS.
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