IMANDARI KA TABADALA (BIOGRAPHY OF I.A.S ASHOK KHEMKA,EDUCATION,SERVICE,TRANSFER,BOOK&MORE)
I.A.S. अशोक खेमका का जीवनी (Biography of I.A.S. Ashok Khemka)-
दोस्तों आपने बहुत सारे अधिकारी के बारे सुना होगा जो जिसमें कुछ ईमानदार और कुछ भ्रस्ट और कुछ शासन के गुलाम होते हैं लेकिन यह सबसे अलग है इसमें उस व्यक्ति ने जितने साल अपना सर्विस नहीं किया है उससे ज्यादा उसका तबादला हुआ हैं। तो आइये जानते है - यह कहानी है भारत के ईमानदार और तेज तर्रार I.A.S अधिकारी का जिसका नाम अशोक खेमका हैं। खेमका का जन्म 30 अप्रैल 1965 को भारत के पश्चिम बंगाल राज्य की राजधानी और भारत के प्रसिद्ध शहरों में से एक जिसका नाम है कोलकाता में हुआ था। खेमका एक मध्यम वर्गीय मारवाड़ी परिवार के थे। इनके पिता जो की एक जूट परिवार में क्लर्क का काम करते थे। खेमका एक बहुत ही साधारण और ईमानदार प्रकृति के व्यक्ति है इनके ईमानदारी को आज पूरा देश गर्व करता है।
शिक्षा (Education)-
खेमका बचपन से ही बहुत तेज और मेधावी छात्र थे इनका प्रारम्भिक शिक्षा इनके शहर से ही हुआ। उसके बाद इन्होने 1988 में Indian Institute of Technology, Kharagpur से बी.टेक (B.tech) किया। और फिर आगे की पढाई के लिए इन्हे मुंबई आना पड़ा जहाँ से इन्होने Tata Institute of Fundamental Research से कम्प्यूटर साइंस से P.H.D और M.B.A किया। और इन्होने Indira Gandhi National Open University (इगनू) से M.A. अर्थशास्त्र भी किया।
I.A.S बनने का सफर (Journey to become an I.A.S.)-
खेमका ने पढाई के साथ - साथ अपना सिविल सर्विस के तैयारी जारी रखा था। इनका शुरु से मन I.A.S. बनने और अपने देश को भ्रष्ट्रचार के गन्दगी से मुक्त करने का था। जिसके फलस्वरूप इन्होंने 1991 में I.A.S. परीक्षा पास करके 1991 बैच के I.A.S. अधिकारी बन गए।
कार्य और सेवायें (Work and Services)-
खेमका अपने ईमानदारी के लिए पूरे देश में जाने जाते हैं और इनका जहाँ भी पोस्टिंग हुआ इन्होंने पूरे ईमानदारी से काम किया। इन्होंने बहुत से पार्टी और सरकारों के बड़े -बड़े भ्रस्ट नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोला और उनके विवादों का मुख्य मुद्दा रहा जैसे की - हरियाणा में जब वो भूमि महानिरीक्षक के पद पे थे तब उन्होंने अपने जांच में रियल स्टेट कंपनियों को पंचायत भूमि के मामलों में कई सौ करोड़ का हेरा - फेरी मिला और राबर्ट वाड्रा -DLF की केस के जांच में दो पेज ही गायब मिले लेकिन सबको दबा कर बस उनका तबादला कर दिया जाता है। उन्होंने नेता कृष्णा कुमार बेदी और हरियाणा के बंसीलाल सरकार, ओमप्रकाश कांग्रेस की भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार, भाजपा मनोहर लाल खट्टर की सरकार आदि पार्टी के नेताओ के खिलाफ मोर्चा खोला लेकिन सबको दबा कर बस इनका हमेशा की तरह तबादला कर दिया जाता हैं। और ईमानदारों को सत्ताधारी का यह सन्देश होता है की ईमानदारी मतलब तबादला।
तबादला और सम्मान (Transfer and Honor)-
अशोक खेमका को उनके पुरे 28 साल के नौकरी में 53 बार ट्रांसफर किया गया। इन्होने सबसे ज्यादा अपने एक कार्यकाल में 15 महीनें काम किया नहीं तो किसी विभाग में कही 3 महीनें कही 6 महीनें बस वो किसी जांच के नतीजे पहुँचते वैसे ही इनका तबादला कर दिया जाता। इन्हें रोबर्ट वाड्रा और DLF के सौदे पर मौत की धमकी भी दिया जा चूका हैं। लेकिन वो कहते हैं की वो अधिकारी हमेशा फलते हैं जो खाते - पिते हैं और मैंने कोई गुनाह थोड़ी किया है की धमकी और तबादलें से डर जाऊँ। खेमका ने सबसे ज्यादा 23 साल हरियाणा में अपनी सेवा दिया लेकिन उन 23 सालों में उनका 45 बार ट्रांसफर किया गया।
किताब (Books)-
अशोक खेमका के ईमानदारी के जीवन और उनके तबादलें पर एक किताब भी लिखा जा चूका हैं जिसका नाम हैं "Just Transferred: The Untold Story of Ashok Khemka" जो नमता कला और भवदीप कैग के द्वारा प्रस्तुत की गयी है।
निष्कर्ष (Conclusion)-
इस कहानी से हमें एक बहुत अच्छा सीख मिलता है की एक अच्छे कदम पर चलने के लिए बहुत सारी रूकावट आती हैं, बहुत सारे दुश्मन बनते है लेकिन सच की राह पे चलने वाला हमेशा अपने मंजिल को देखता है आने वाले मुश्किलों को नहीं क्युकी वो जानता हैं की मुश्किले बहुत आयेंगी लेकिन सच को उजागिर करने का समय उसके जीवन में दोबारा नहीं आयेगा।
और कहते है न दोस्तों -
"Honesty is such a capital that no name is obeyed. yes, we should just respect it and not transfer it"
और हाँ दोस्तों अपने आप को सुरक्षित रखें और प्लीज दोस्तों लाइक करें, कमेंट करें और शेयर करना भूलें।
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