EK SHAHADAT AISA BHI (SARABJIT SINGH BIOGRAPHY,ARREST,DEATH, NATIONAL MOURNING&MORE)
हेलो ,दोस्तों यह मेरा पाँचवा पोस्ट है आज मैं आपको उस कहानी को बताउँगा जिसमे उस व्यक्ति की गलती ना होते हुये भी उस व्यक्ति को गलत बता दिया जाता है और मानवता के सुंदर से परिचय को शर्मसार कर दिया जाता है -
सरबजीत सिंह का जीवनी (Biography of Sarabjit Singh) -
यह कहानी उस भारतीय नागरिक का हैं जिसका नाम सरबजीत सिंह था। सिंह जी का जन्म 1963 में भारत के पंजाब राज्य के जिला तरनतारन के गाँव भिखीविंद में हुआ था इनके पिता जी का नाम सुलक्षण सिंह ढिल्लो था जो की रोडवेज में नौकरी करते थे। सरबजीत की पढ़ाई केवल 10 तक हुआ था उसके बाद उन्हें अपने परिवार के मदद के लिये खेतो में ट्रैक्टर चलाने लगे। सरबजीत कब्बडी के बहुत अच्छे खिलाडी थे 1984 में उनका विवाह सुखप्रीत कौर के साथ हुआ और उनकी दो बेटियाँ हुयी जिनका नाम परमदीप और स्वपनदीप है और वो अपने परिवार के साथ ख़ुशी से रहने लगे थे।
गिरफ्तारी,आरोप और फाँसी की सजा (Arrest, Charge and Hanging)-
लेकिन उन्हें ये नहीं पता था की उनके आगे की ज़िन्दगी में अंधकार होने वाला हैं। 28 अगस्त 1990 को सरबजीत को पाकिस्तान सेना के द्वारा उन्हें पकड़ लिया गया जब उन्हें पकड़ा गया तो वो शराब के नशे में थे और वो बॉर्डर तक पहुँच गए थे लेकिन पाकिस्तानी सेना ने उन्हें भारत का एजेंट बताया। पाकिस्तानी सरकार ने उनपर फर्जी आरोप लगाया और डरा कर दबाव बनाने लगे की वो अपना जुर्म कबूल कर ले। पाकिस्तानी सरकार ने उन्हें लाहौर और मुल्तान के बम धमाकों का आरोप लगाया जिसे वहाँ की कोर्ट ने भी मान लिया वो भी बिना किसी पुख्ता सबूत के और अक्टूबर 1991 में उन्हें फाँसी की सजा दे दी। पाकिस्तानी सरकार के द्वारा जो पासपोर्ट और जो वीडियो कोर्ट को पेश किये गये वो सब फ़र्ज़ी थे। पाकिस्तानी सरकार ने पुरे मानवता को बदनाम कर दिया की केवल उस व्यक्ति की इतनी गलती थी की वो नशे में बॉर्डर पर पहुँच गये। सरबजीत के साथ उस समय पूरा देश, परिवार और मानवाधिकार संगठन भी था लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने सबको अनदेखा कर दिया और अप्रैल 2008 को फाँसी की तारीख को भी रख दिया।
जिस जेल में उन्हें रखा गया था उसका नाम लखपत जेल था उन्होंने बताया था की उस जेल के कैदी वहा के पुलिसवालो का व्यहार उनके प्रति अच्छा नहीं था और हमेशा वे लोग मारने की धमकी देते थे लेकिन जेल प्रसाशन उनकी सुरक्षा को ध्यान नहीं दिया सरबजीत के वकील और भारत के कूटनीतिक दबाव से उनकी फाँसी को पाकिस्तानी सरकार ने टाल दिया। उनके वकील के अनुसार असली मुजरिम जिसका नाम मंजीत था उसके जगह पे सरबजीत को मुजरिम बना दिया गया था लेकिन वहा सरकार और कोर्ट कुछ भी मानने को तैयार न थी।
हमला और मौत (Assault and Death)-
26 अप्रैल 2013 को शाम को 4:30 बजे के करीब कुछ कैदियों ने उनपर जानलेवा हमला कर दिया जिनमे वो गंभीर रूप से घायल हो गये और उनका रीढ़ का हड्डी टूट गया और वो कोमा में चले गये लेकिन जब पाकिस्तान सरकार से पूछा गया तो इस बारे में कुछ बताने से मना कर दिया और 2 मई 2013 को उनका मौत हो जाता है जब उनके शरीर को भारत लाया जाता है तो डॉक्टर ने पोस्ट मार्टम में बताया की उनके शरीर से छेड़छाड़ हुआ है और उनके मुख्य अंगो को निकाल लिया गया था। सरबजीत की बहन ने बताया की जब वो पाकिस्तान में उनसे मिलने गयी थी तो वहा के लोगो का व्यहार अच्छा नहीं था और उन लोगो से कुछ पूछने पर जवाब देने से बचते थे।
राष्ट्रिय शोक व मदद (National mourning and Help) -
पंजाब सरकार के द्वारा उनके मौत पर 3 दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया गया था और उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद भी किया गया। पाकिस्तान सरकार द्वारा ये जो कायराना हरकत की गयी ये दुनिया उसे कभी माफ़ नहीं करेगी।
फिल्म (Movie) -
आज उनके इस शहादत के जीवन पर एक मूवी भी बनी है जिसका नाम है "Sarbjit" .
कहते हैं न दोस्तों -
"Why do people drag innocent people in the rivalry of a Country who do not even know what enmity is?"
और हाँ दोस्तों घर पर रहे, स्वस्थ रहे और प्लीज दोस्तों शेयर करना ना भूलें।
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