APNA HUNAR (MUNIBA MAZARI BIOGRAPHY, SINGING, AWARD, MODELING,SPEECH AND MORE)

हेलो, दोस्तों यह मेरा सातवाँ पोस्ट हैं आज मैं आपको उस कहानी को बताऊँगा जिसने अपना सबकुछ खोने के बाद भी हार नहीं मानी और आज लोग उसके जज्बे को सलाम करते है। 
truth story, zindagi ka sangharsh

मुनीबा मज़ारी की जीवनी (Biography of Muniba Mazari) - 

यह कहानी पाकिस्तान की एक साधारण सी लड़की की हैं जिसने अपने शुरू के ही ज़िन्दगी बहुत सारी तकलीफों का सामना किया और वह आज वह सबके के लिए एक प्रेणना बन गयी हैं जिसका नाम मुनीबा मज़ारी हैं। मुनिबा का जन्म 3 मार्च 1987 को पाकिस्तान के दक्षिण पंजाब के रहीम यार खान में हुआ था। मुनीबा का प्रारम्भिक शिक्षा पाकिस्तान के आर्मी पब्लिक स्कूल में हुआ।  मुनीबा के परिवार में उनके माता - पिता और उसके दो छोटे भाई थे। मुनीबा जब 18 साल की हुई तभी उनके पिता ने उनकी शादी तय कर दी मुनीबा का उस समय शादी का मन नहीं था क्युकी उनकी पढाई अभी पूरी नहीं हुई थी लेकिन अपने पिता की मान रखने के लिए उन्होंने शादी कर लिया।

दुर्घटना और तलाक (ACCIDENT AND DIVORCE) - 

शादी के बाद मुनीबा के जीवन सब कुछ अच्छा और सुन्दर चल रहा था लेकिन आगे एक ऐसा समय आया जिसने मुनीबा के खुशीओ को खामोश कर दिया। शादी के तीन साल बाद 27 फरवरी 2008 को वह अपने पति जिसका नाम है खुर्रम शहजाद जो पाकिस्तानी एयरफोर्स में पायलट है के साथ अपने घर रहीम यार खान वापस आ रही थी की रास्ते में गाड़ी चलाते वक्त उनके पति को नींद आ जाती हैं जिसके कारण गाड़ी का कन्ट्रोल बिगड़ जाता है और बहुत बड़ा दुर्घटना हो जाता है उस दुर्घटना में मुनीबा का पति तो बच के निकल जाता है लेकिन मुनीबा को बहुत गंभीर चोट आती है। 
ACCIDENT AND HOSPITAL
हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने बहुत प्रयास के बाद उनको बचा तो लिया लेकिन डॉक्टर्स ने बताया की वो  अब कभी माँ नहीं बन पायेंगी और न ही कभी चल पायेंगी आगे की ज़िन्दगी अब केवल व्हील चेयर पर गुजारना पड़ेगा। मुनीबा ने जब डॉक्टर्स की बात सुनी तो उनको सबसे बड़ा दुःख इस बात का था की वो अब कभी भी माँ नही बन पायेंगी। हॉस्पिटल में उस समय उनके साथ उनकी माँ ही रहती थी। जब माँ न बन पाने और अपाहिज होने की बात उनके पति को पता चलता है तो वो मुनीबा से दूरिया बनाने लगता है लेकिन फिर भी वो हार नहीं मानी बस मन में एक डर रहता था लेकिन उनकी माँ हमेशा उनके साथ रहती और कभी निराश नहीं होने देती थी। मुनीबा को पेंटिंग बनाना बहुत पसंद था फिर उन्होंने हॉस्पिटल में अपने व्हील चेयर से ही अपनी भावनाओं को अपने पेंटिंग के जरिये जाहिर करने लगी और धीरे - धीरे उनकी कला की चर्चा दूर - दूर तक होने लगी। 
MUNIBA MAZARI PAINTING EDITION

2 महीने और 15 दिन तक हॉस्पिटल में रहने के बाद वो अपनी माँ के साथ रावलपिंडी आ गयी क्युकी उनके पति ने भी उनके बुरे वक्त में उनका साथ छोड़ दिया और 2015 में तलाक भी दे दिया और बस माँ का ही सहारा था क्युकी वो हमेशा कहती हैं - हमेशा अपनी माँ से प्यार करो क्युकी उस जैसा प्यार करने वाला आपको कोई दूसरा नहीं मिलेगा। 
CARE OF MOM


(MOTIVATIONAL SPEECH) - 

अपनी पेंटिंग के ज़रिये धीरे - धीरे उन्होंने अपनी पहचान बनाने लगी और ये सब उन्होंने पहली बार अपनी फेसबुक पेज के द्वारा किया उन्होंने फेसबुक पर अपना एक पेज बनाया और उस पर पेंटिंग के फोटो को शेयर करती जिसे लोगो ने बहुत पसंद किया और धीरे -धीरे उनकी पहचान बनने लगी और आज उनकी पेंटिंग की कला को देश - विदेश भी देखता है उन्होंने व्हीलचेयर से ही मोटिवेशनल स्पीच देना शुरू किया और बाद में उन्होंने TEDX और बहुत सारे बड़े मंचो पर अपना स्पीच दिया।
TEDX MOTIVATIONAL SPEECH

मॉडलिंग,सिंगिंग,सम्मान (MODELINGSINGING, AWARD) - 

मुनीबा ने अपने व्हीलचेयर से ही मॉडलिंग भी की और सिंगिंग भी किया और मॉडलिंग के लिए उन्हें एशिया का पहला व्हील चेयर मॉडल के रूप में सम्मानित किया गया। आज वो पाकिस्तान की पहली ऐसी मॉडल, सिंगर, आर्टिस्ट, एंकर है जिन्होंने ये काम व्हीलचेयर पे रह के किया और दुनिया के लिए ये एक बहुत बड़ी प्रेरणा है और सयुंक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान की पहली महिला नेशनल एम्बेस्डर भी चुना गया और उन्हें आज पाकिस्तान की आयरन लेडी के नाम से भी जाना जाता है। 2015 में BBC ने उनके मोटिवेशनल स्पीच से प्रभावित होकर टॉप 100 Inspirational Woman के लिस्ट में शामिल किया और 2016 में फोर्ब्स ने अंडर 30 के 30 लिस्ट में शामिल किया। मुनीबा आज पाकिस्तान की तमाम महिलाओ की जिनका कोई नहीं हैं या जिसे लोगो ने नकारा है उनकी मदद करती हैं वो कहती है - ज़िन्दगी जीने का केवल मकसद ढूँढो न की ये देखो की मैं अपाहिज हु, देख नहीं सकता, चल नहीं सकता क्युकी जिस दिन अपने वो मकसद ढूँढ लिए उस दिन से आपको दुनियाँ को देखने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी दुनिया आपको देखेगी। मुनीबा माँ तो नहीं बन पाती है लेकिन 2011 वो एक बच्चे को गोद लेती हैं जिसका नाम है Nael(नैल) हैं। मुनीबा की कहानी से एक प्रेणना मिलती जो बुरे वक्त से लड़के आगे बढ़ने की राह दिखती हैं। 
MUNIBA SON
और कहते हैं न दोस्तों -
"We do not have to give up the world by giving up with people, because people have left, not their skills" 
और हाँ दोस्तों स्वस्थ रहे और लोगों को सुरक्षित रखें और प्लीज दोस्तों शेयर करना न भूले। 










    

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